अष्टांगयोग का वर्णन योगदर्शन में योग एक अनमोल धरोहर जिसे इस संस्कृति और प्रकृति ने बड़े इफाजत से संभाल कर रखा हुआ है, योग का मुख्य उद्देश्य आत्मा का परमात्मा से मिलन माना गया है, या कहे तो केवल्य की प्राप्ति मन गया है। जिसके लिए योग में शारिरिक सुद्धि से लेकर मन बुद्धि की शुद्धि भी…
अष्टांगयोग आहिंसासत्यास्तेयब्रह्मचर्यापरिग्रहा यमा: यो.सू. २/३० विच्छेद :-- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह। ये पाँच यम है। इस सूत्र में यम के पाँच भाग बताये गए जिनका पालन करना अति आयश्यक होता है। व्याख्या:-- १. अहिंसा:-- मानस, वाचा,कर्मणा (मन, वचन,कर्म) इन तीनो …
मोटापा काम करने के उपाय आधुनिकता की दौड़ में समय का अभाव, बढ़ती महँगाई में एक व्यक्ति की नोकरी से घर का पालन पोषण न हो पाना एक आम बात हो गयी है परन्तु ये आम बात एक ऐसे रोग को निमंत्रण देता है जो स्वयं रोग न होकर भी अनेको रोगों को आमंत्रित करता है, इसे मोटापा कहते है। मोटापा वैसे तो …
हाई ब्लड प्रेशर(उच्च रक्तचाप) के उपचार उच्च रक्तचाप एक प्रकार का लक्षण है जो कि हृदय, गुर्दे या रक्त संचार प्रणाली में गड़बड़ होने के कारण होती है,इसलिए इसे रोग कहना उचित है या नही ये आप खुद विचार करिए। इस रोग का कोई समय या उम्र नही होती यह किसी भी आयु के व्यक्ति को होने लगी है। यह र…
What is Migraine? आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में आराम का आभाव, तनाव , अवसाद जैसे कारणों से माइग्रेन रोग होता है। माइग्रेन के दर्द बहुत ही पीड़ा देने वाला दर्द होता है, यह आधे सिर में होता है और फैलता हुआ मुँह में जबड़ो तक जाता है। यह समस्या अधिकतर महिलाओ में ज्यादा देखने को मिलता है।…
पतंजलि योगदर्शन भारतीय दर्शन के अनुसार 9 दर्शन बताये गए है, जिनमे 6 आस्तिक व 3 नास्तिक दर्शन है। इन आस्तिक दर्शनो म् सबसे प्रमुख महर्षि पतंजलि का योगसूत्र या योग दर्शन आता है। महर्षि पतंजलि जी का जन्म लगभग 2 सदी ईसा पूर्व (2200 वर्ष पूर्व)/ भगवान बुद्ध के समकालीन मन जाता है। ये …
योग एक संक्षिप्त परिचय --- 2 * योग जीवन जीने की कला सिखाता है। * योग एवं शारीरिक व्यायाम का मुख्य अंतर यही है कि योग का अभ्यास प्राण धारणा के साथ करना चाहिए। * तनाव, थकान होने पर योग अभ्यास करने से तुरंत लाभ मिलता है। * लंबे समय तक डिजिटल स्क्रीन पर देखते रहने से आंखों व म…
भूमिका ********* योग आदिकाल के गर्भ में सुप्त कोई कहानी नही है, यह वर्तमान की सर्वाधिक कीमती विरासत है। यह वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण ओर भविष्य की संस्कृति है। ---- स्वामी सत्यानन्द सरस्वती …
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