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Showing posts with the label पतंजलि योगसूत्र

What is meditation/dhyan | ध्यान क्या है ?

What is meditation /dhyan | ध्यान क्या है ? ध्यान क्या है ---- " इस विषय मे महर्षि पतंजलि जी ने योगदर्शन के  अस्विट्भति पाद में वर्णन करते हुए कहाँ है कि साधक जब किसी ध्येय में चित्त को लगाता है और उसी ध्येय में चित्त का एकाग्र हो जाना ध्यान होता है। &qu…

What is dharna| धारणा क्या है?

What is dharna| धारणा क्या है?  धारणा क्या है इसका महर्षि पतंजलि जी ने योगदर्शन के पहले व दूसरे पाद में अष्टांग योग के बहिरंग साधनों का फल सहित वर्णन किया है। बाकी के तीन अंग धारणा , ध्यान, समाधि अंतरंग योग का  वर्णन आगे देखने/पढ़ने को मिलेगा। इस पाद में बताया गया है कि जब ये ती…

What is Pratyahara | प्रत्याहार क्या हैं??

Pratyahara | प्रत्याहार :-- प्रत्याहार पतंजलि कृत योगसूत्र के अनुसार योग के पांचवें अंग के रूप में आता है। प्रत्याहार क्या है :- प्रत्याहार का अर्थ होता है बाह्यवृत्तियों को रोक कर आपने चित्त को अपने ध्येय में लगाना प्रत्याहार हैं। स्वविषयासम्प्रयोगे चित्तस्वरूपनुकार इवेन्द्र…

अष्टांगयोग का तीसरा अंग आसन |

अष्टांगयोग का तीसरा अंग आसन महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र के अष्टांग योग में योग के आठ अङ्गों का वर्णन करते हुए योग को विस्तृत रूप में वर्णन किया है। पहले के पोस्ट पढ़ने के लिए  इन पोस्ट को पढ़े। अब यहां आसन के बारे में सूक्ष्म एवम संक्षेप वर्णन दे रहे है। यह संस्कृत के अस धातु से बना है,…

अष्टांगयोग का वर्णन योगदर्शन में|

अष्टांगयोग का वर्णन योगदर्शन में योग एक अनमोल धरोहर जिसे इस संस्कृति और प्रकृति ने बड़े इफाजत से संभाल कर रखा हुआ है, योग का मुख्य उद्देश्य आत्मा का परमात्मा से मिलन माना गया है, या कहे  तो केवल्य की प्राप्ति मन गया है।  जिसके लिए योग में शारिरिक सुद्धि से लेकर मन बुद्धि की शुद्धि भी…

अष्टांगयोग-- 2

अष्टांगयोग आहिंसासत्यास्तेयब्रह्मचर्यापरिग्रहा यमा: यो.सू. २/३० विच्छेद :-- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह। ये पाँच यम है। इस सूत्र में यम के पाँच भाग बताये गए जिनका पालन करना अति आयश्यक होता है। व्याख्या:-- १.  अहिंसा:-- मानस, वाचा,कर्मणा (मन, वचन,कर्म) इन तीनो …

पतंजलि योगदर्शन

पतंजलि योगदर्शन भारतीय दर्शन के अनुसार 9 दर्शन बताये गए है, जिनमे 6 आस्तिक व 3 नास्तिक दर्शन है। इन आस्तिक दर्शनो म् सबसे प्रमुख महर्षि पतंजलि का योगसूत्र या योग दर्शन आता है। महर्षि पतंजलि जी का जन्म लगभग 2 सदी ईसा पूर्व (2200 वर्ष पूर्व)/ भगवान बुद्ध के समकालीन मन जाता है। ये …